पराशर की वादियों में बिताए वो पल -Part1

पराशर की वादियों में बिताए वो पल,
     जैसे धूप से सूखी बंजर मिट्टी 
          पर गिरा हो शीतल जल।

यह एक वह दिन है जो कभी यादों से हटाए नहीं हटेगा
एक वह दिन जिसकी बातें किए बिना दिन नहीं कटेगा।
 
प्रकृति की हसीन वादियों से हरा भरा वो दिन, दोस्तों के साथ मस्ती और शरारतों में गुज़ारा वो दिन। 
         खूबसूरत पहाड़ों की ठंडी हवा के बीच वो चाय की गर्म चुस्कियां, जैसे ठंडी बर्फ पर गर्म पानी की छोटी-छोटी बूंदिया।

यह बात उस समय की जब मैंने और मेरे 3 अन्य मित्रों (मातुल,प्रवीण,प्रवीण) ने एक बहुत सुंदर सी जगह पराशर घूमने का प्लान बनाया। पराशर यूं तो हमारे यहाँ से थोड़ी हे दूरी पर है, पर जो मज़्ज़ा दोस्तों के साथ घूमने का है वो किसी और चीज़ में कहाँ, जैसे कहते हैं "जगह घूमने से ज्यादा मज़ा बिताए हुए समय का आता है"। वैसे यह कोई और नहीं,मैं ही कहता हूँ😂....
  तो हमारा ट्रिप शुरू होता है 2 मोटरसाइकिल के साथ,जिसमे हम 2-2 लोग बैठते हैं,कार का विकल्प नहीं था तो मोटरसाइकिल से ही जाना उचित समझा।

(मातुल की excitement jb trip shuru kiya😂aur back mein praveen helmet pehn kar apni excitement chupaate huye)
 
तो जैसे ही ट्रिप शुरू किया, हमने रोडसाइड में लगे बर्गर के ठेले से 1-1 बर्गर लिया और उसे खा कर सीधा चलता बने अपनी destination ko....

रास्ता बोहत सुनसान और जंगल से भरा था जहाँ दूर दूर तक कोई दूकान या शहर नहीं थे, पर रास्ता खूबसूरत वादियों और पहाड़ो से भरा था, यह रास्ते मानो इशारा कर रहे हो की जब सफर इतना सुन्दर है तो मंजिल कितनी खूबसूरत होगी
 (Pic taken while travelling💞)
 
काफी देर चलने के बाद हमने सोचा की थोड़ा विश्राम किया जाए और बैठ कर एक साथ चाय की चुस्कियों के साथ एक दूसरे के साथ थोड़ी मस्ती मज़ाक हो जाए, ठंड के मौसम में चाय के वो गर्म गिलास की गरमाहट से खुदके हाथ को सेकते हुए अब आगे निकलने का समय था। अब मंज़िल बोहत करीब थी और दिल में जोश भी गहरा❤️
(praveen showing his photography skills here😂)
(after Having tea,we took these pics too..matul clicked this..and on my left and right they both are praveen😂)
 
तो बस कुछ फोटो लेकर हम निकल चलते हैं पराशर की तरफ,चाय से मिली गरमाहट से मन में ऊर्जा और जोश का संचार हुआ तो सब कुछ तरो ताज़ा लगने लगा जैसे गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल पी कर शक्ति मिलती है वेसे ही हमें चाय पीकर वो शक्ति अनुभव हुई..
     जैसे जैसे मंज़िल करीब आरही थी वैसे वैसे रास्ता खूबसूरत वादियों और पेड़ो से भरने लगा।

      (Taken while riding)
 
कुछ देर सफर का आनंद लेते हुए हम पहुँचते है हमारी मंज़िल पर,जहां पर्यटकों की गाड़ियां लगे हुई दिख रही थी,ज्यादा पर्यटक नहीं थे क्योंकि यह सीजन पर्यटकों के लिए उचित नही था। इसलिए हम यहाँ की जगह को देखते हैं और चरों तरफ हरियाली और शांति,मानो बादल जैसे हमारे सर के एक दम ऊपर ही हो और हम कूद कर इन्हें पकड़ लें☁️अब बाइक को पार्क करके हम चारों दोस्त इकट्ठा थे,तो अब साथ जगह explore कर सकते थे क्योंकि अभी तक 2 बाइक की वजह से हम एक दूसरे से अलग अलग और दूर दूर थे।
   (Prashar guest house)

तो यह सफर था हमारे पराशर को पहुँचने तक का, पराशर में की गई मस्ती,वहाँ पर रहने का,खाने का,मंदिर परिसर का,झील का और बाकी सभी चीज़ों के बारे में मैं आप सबको इसके part 2 में बताऊंग ताकि यह ब्लॉग लम्बा न हो जाए ज्यादा,तब तक के लिए शुक्रिया और ख्याल रखिये❤️
जय हिंद।





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